Sunday , May 5 2024

कही-अनकही सचकही

ममता दीदी का ”खेला” चालू छे !

के. विक्रम राव भारतीय गणराज्य से बंगभूमि के ​”मुक्ति” का संघर्ष विप्र—विदुषी ममता बंधोपाध्याय ने तेज कर दिया है। यूं भी ”आमी बांग्ला” बनाम ”तू​मि बाहरी” के नारे पर उनकी तृणमूल कांग्रेस पार्टी विधानसभा का चुनाव गत माह लड़ी थी। अत: अब अपने अधूरे एजेण्डे को अंजाम देने में प्राणपण ...

Read More »

मालेरकोटला पर विवाद ? अज्ञानता ही जड़ है !!

के. विक्रम राव दो राज्यों (पंजाब और उत्तर प्रदेश) के मुख्यमंत्रियों में विवादग्रस्त बयानबाजी कल (15 मई 2021) हुयी। नतीजन पंजाब की एक शांत, सशुप्त नगरी सुखियों में आ गयीं। संपादकजन भी खोजने लगे कि आखिर यह मालेरकोटला है क्या बला ? इस नगरी पर कांग्रेसी कप्तान अमरेन्द्र सिंह और ...

Read More »

इस्राइल से यारी पर खौफ इतना क्यों ?

के. विक्रम राव अरब आतंकी गिरोह ”हरकत—अल—मुक्वाम—अल—इस्लामी” (हमास) के राकेट के हमले से गाजा सीमावर्ती इलाके में सेवारत नर्स 32—वर्षीया सौम्या की परसों रात (11 मई 2021) मृत्यु हो गयी। अगले ही दिन विश्व नर्स दिवस था। उसकी अस्सी—वर्षीया यहूदी मरीज भी बुरी तरह घायल हो गयी। आक्रमण के वक्त ...

Read More »

सोनिया ! और कितने दिन ?

के. विक्रम राव वामपंथी, सोनिया—प्रशंसक अंग्रेजी दैनिक ”दि हिन्दू” में आज (12 मई 2021) कार्टूनिस्ट सुरेन्द्र ने एक चित्र रेखांकित किया है। कांग्रेस कार्य समिति की (10 मई) हुयी बैठक की बाबत है। म्यूजिकल चेयर का खेल चल रहा है। भोंपू पर रिकार्ड बज रहा है। गोलाई के भीतर बस ...

Read More »

जान और जहान के चक्रव्यूह में फंसे न जान बच पा रही, न जहान की उम्मीद

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों आपने देखा होगा कि भारत में सुप्रीम कोर्ट, लगभग सभी हाईकोर्ट, कोरोना पर गठित टास्क फोर्स, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, जापान और अन्य कई देश जहां भारत में संपूर्ण लाकडाउन की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉक डाउन को अंतिम विकल्प मान कर टाल ...

Read More »

कोरोना संकट से हांफता देश और सियासत में जुटी सरकारें

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ा है, हजारों जानें उसमें समा गयी हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्य सियासत में पीछे नहीं हैं। पिछले एक महीने से कोरोना की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचा ...

Read More »

तो अपना ग़म भूलिए , दुःख भूलिए , बस धीरज की डोरी से बंधे रहिए !

दयानंद पांडेय इस कोरोना काल में स्थितियां सचमुच बहुत कठिन हैं। अरण्य काण्ड में सती अनुसूइया द्वारा सीता को दी गई सीख में तुलसी दास ने लिखा ज़रूर है : धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी।। बृद्ध रोगबस जड़ धनहीना। अंध बधिर क्रोधी अति दीना।। तो धीरज ...

Read More »

पत्रकारिता का पीपली लाइवः स्टूडियो से सेटिंग, श्मशान से बरखा दत्त ने रिपोर्टिंग की सजाई चिता

शिव मिश्रा स्टूडियो में बैठकर समाचार पढ़ने के दिनों से टीवी न्यूज़ पहले ही बहुत आगे चला गया था। चलते-चलते कारगिल तक पहुँचा और वहाँ रुक कर सारी सराहना बटोर कर अपने क़ब्ज़े में कर ली। जहाँ खड़े होकर रिपोर्टिंग की, अक्सर पाकिस्तानी गोले वहीं आकर गिरने लगे। युद्ध को ...

Read More »

ऐसा साथ और विकास किस काम का जहां कोई अपना बचे ही नहीं

राजेश श्रीवास्तव मैं अपना कॉलम पिछले 2०14 यानि लगभग सात सालों से लगातार लिख रहा हूं लेकिन आज पहली बार जिस मुद्दे पर दो टूक लिख रहा हूं वह बेबस कर रहा है। देश और प्रदेश में कोरोना को लेकर के जो हालात हैं उन पर सिर्फ यह कहकर कि महामारी ...

Read More »

मुख़्तार अंसारी , बस आत्महत्या मत करना , अपनी फांसी की प्रतीक्षा करना

दयानंद पांडेय  यह कौन सा धागा है , जिस से ऐसी चादर बुन ली मुख़्तार अंसारी कि दुनिया को डराते-डराते तुम ख़ुद डरने लगे। पत्ते की तरह कांपने लगे हाई वे पर। आखिर कैसे जुलाहे हो। कैसे बुनकर हो। कि अपने ही लिए फांसी का फंदा बुन लिया। ख़ैर , ...

Read More »

मायावती ने मुलायम से उठक-बैठक करवाई तो सपाई गुंडे मायावती की हत्या पर आमादा हो गए

दयानंद पांडेय  तथ्य यह भी दिलचस्प है कि अपने को सेक्यूलर चैंपियन बताने वाले मुलायम सिंह यादव पहली बार 1977 में जब मंत्री बने तो जनता पार्टी सरकार में बने जिस में जनसंघ धड़ा भी शामिल था। मुलायम सहकारिता मंत्री थे , कल्याण सिंह स्वास्थ्य मंत्री , रामनरेश यादव मुख्य ...

Read More »

आतंकवादियों से ज्यादा खतरनाक हैं माओवादी, बच्चों का भी करते हैं प्रयोग

उपेन्द्र नाथ राय छत्तीसगढ़ का जिला उत्तर बस्तर (कांकेर)। बात मार्च 2015 की है। पुलिस को सूचना मिली कि कोटरी नदी के उस पार आलदंड की तरफ माओवादी अड्डा जमाए हैं। उसमें एलओएस और एरिया कमांड के कमांडर भी हैं। पुलिस ने रात को घेराबंदी की योजना बनाई। उस समय ...

Read More »

लाल आतंक : हिडमा नहीं पहले जनताना को खत्म करे सरकार

उपेन्द्र नाथ राय हिडमा लाल आतंक का एक ऐसा नाम है, जो बस्तर संभाग में पुलिस और केन्द्रीय फोर्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती। माओवादियों की दंडकारंय समिति की सबसे उच्च पदाधिकारी कमेटी में कुल 24 लोगों में मात्र दो छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। एक सुकमा जिले का हिडमा और ...

Read More »

चार साल में जूझते-जूझते योगी ने उत्तर प्रदेश को बना उत्तम प्रदेश

राजेश श्रीवास्तव बीते 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के चार साल बेमिसाल ढंग से पूरे हो गये। बेमिसाल इसलिए क्योंकि शायद वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिनके कार्यकाल में कोई भी दंगा नहीं हुआ। उन्होंने बड़े-बड़े सूरमाओं को धूल चटा दी। आतंक के पर्याय ...

Read More »

कांग्रेसी-वामपंथी राजनीति के जमूरे बनते राकेश टिकैत

कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल किसानों के नाम पर राजनीति चमकाने और बेशुमार दौलत की प्राचीर खड़े करने वाले तथाकथित किसान नेताओं ने सबसे ज्यादा किसानों को छलने का काम किया है। राकेश टिकैत उनमें से एक नाम हैं ,जो मीडिया फुटेज खाने की अपनी आदत और लच्छेदार जुगाली फेंकते हुए किसानों ...

Read More »