Saturday , April 27 2024

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गुनाहों का देवता के बाद हिंदी साहित्य को मिली एक और कालजयी प्रेम कहानी

सर्वेश तिवारी श्रीमुख फरवरी नोट्स दुखांत प्रेम कहानियों में से एक है। तरुणाई के बने रिश्ते को असामाजिक रिश्तों में बदल जाने का दुःख, किसी से जिंदगी भर स्नेह रखने, प्रेम करने का दुःख । नेह छोह , लगाव, मनुहार और प्रेम जब अपनी पराकाष्ठा पर पहुँचने लगे तो उसका ...

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आत्मनिर्भर बनता भारत कब मनायेगा अपना नव वर्ष

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों पूरे देश में हर तरफ नववर्ष का जश्न मनाया जा रहा है। लोग एक-दूसरे को बधाई देने और तोहफे देने के साथ ही धर्म-कर्म, पूजा-पाठ, सैर-सपाटा, पिकनिक, दावतें करके इस नववर्ष का आनंद ले रहे हैं। लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि हम अपने देश ...

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बस काजी साहब ने ललकार दिया, लोगों का मूड बन गया सो मन्दिर तोड़ दिया गया…..

सर्वेश तिवारी श्रीमुख नववर्ष की तमाम खबरों के बीच एक छोटी सी खबर यह भी थी कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भीड़ ने कुछ ही पलों में एक मंदिर को तोड़ दिया, जला दिया। इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं था, बस काजी साहब ने ललकार दिया, लोगों का ...

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भारत में काल्पनिक लोकतंत्र राहुल गांधी की दादी के कार्यकाल में था

डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत के किसानों ने विपक्षी दलों पर जबर्दस्त मेहरबानी कर दी है। छह साल हो गए और वे हवा में मुक्के चलाते रहे। अब किसानों की कृपा से उनके हाथ में एक बोथरा चाकू आ गया है, उसे वे जितना मोदी सरकार के खिलाफ चलाते हैं, वह उतना ही ...

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नये कृषि विधेयकों में सुधार, कृषकों को देगा सेहतमंद ‘संसार’

राहुल कुमार गुप्ता मानव जीवन आगे बढ़ने का नाम है, प्रयोगों का नाम है। परिवर्तन की कड़ी इन्हीं प्रयोगों के चलते, प्रगति की मांग के चलते निरंतर अपने कोटि-कोटि रूपों में विद्यमान है। परिवर्तन के दौर में अस्थिरता का माहौल जन्म लेता ही लेता है। कभी छोटे रूप में तो ...

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अगर भारत के किसानों के जीवन में खुशहाली आयी तो दिखती क्यों नहीं

राजेश श्रीवास्तव पिछले करीब एक महीने से चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच अब यह तो साफ हो ही गया है कि यह आंदोलन लंबा चलने वाला है क्योंकि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी ओर से अड़े हैं। अगर किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो सरकार भी पीछे ...

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सरकार नहीं झुकेगी अन्नदाता मरे तो मरे

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों देश में किसान आंदोलन चल रहा है। अन्नदाता जमा देने वाली ठंड पर सिंधु बार्डर पर जमा है। पूरी सरकार की कोशिश यह है कि किसी तरह यह साबित कर दिया जाए कि जो आंदोलन कर रहे हैं वह किसान नहीं हैं। दर्जन भर किसानों की ...

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मन की बात करने वाले पीएम क्यों नहीं समझ रहे अन्नदाता के मन की बात

राजेश श्रीवास्तव अन्नदाता सड़क पर हैं। वो नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की माँग कर रहे हैं। संसद के ज़रिए ये क़ानून बनाए गए हैं, लेकिन आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि इन क़ानूनों से उनके हित प्रभावित होंगे। किसान संगठनों का कहना है कि अगर मोदी सरकार ने ...

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मिशनरियों के षड्यंत्र से मुक्ति मांगता नेपाल

सर्वेश तिवारी श्रीमुख नेपाल में एक बार फिर राजतंत्र को स्थापित करने की मांग बढ़ रही है। इसके लिए लगभग रोज ही धरना-प्रदर्शन हो रहा है। नेपाल में सन 2008 के पूर्व तक राजतंत्र ही था, फिर कम्युनिष्टों की षड्यंत्रकारी मांग में फँस कर वहाँ के राजा ने नेपाल को ...

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वो गुरुजी के गुरुजी थे: जिनकी वजह से डॉ. आंबेडकर की भी थी संघ से नजदीकी

आनंद कुमार पूरी संभावना है कि आपने बालकृष्ण शिवराम मुंजे का नाम नहीं सुना होगा। सुनेंगे भी क्यों? जो सीधे तौर पर कॉन्ग्रेस के साथ नहीं था, उस हरेक स्वतंत्रता सेनानी का नाम किराए की कलमों ने इतिहास की किताबों से मिटा दिया है। अगर एक वाक्य में उनका योगदान ...

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नमाज पढ़ते मुस्लिम और सुरक्षा में सिखों का घेरा: हाईजैक ‘किसान आंदोलन’ और शाहीन बाग मॉडल

अनुपम कुमार सिंह नई दिल्ली। दिल्ली में ‘किसान आंदोलन’ के दौरान कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जैसा शाहीन बाग़ में देखने को मिला था। दरअसल, आजकल सारे विरोध प्रदर्शनों में एकाध फंडा ज़रूर अपनाया जाता है, जैसे – ह्यूमन चेन बनाना या फिर मुस्लिमों के साथ किसी दूसरे ...

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सीताराम को बाथरूम में किया बंद, सिंधिया को नहीं दिया समय: सोनिया गाँधी ने ‘यूज एंड थ्रो’ से 22 साल चलाया कॉन्ग्रेस

अनुपम कुमार सिंह सोनिया गाँधी फ़िलहाल कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष हैं। मीडिया में तरह-तरह के लेख लिख कर बताते जाते हैं कि कैसे उन्होंने ‘कठिन समय और विषम परिस्थितियों में’ पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभाल कर कितना कुशल नेतृत्व किया है। लेकिन, इस दौरान वो ये भूल जाते हैं कि उनके ...

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ऑनलाइन एजुकेशन को दिलचस्प बनाने के 5 तरीके

सकीना कासिम जैदी स्कूलों का ‘न्यू नॉर्मल’ बदलाव है- ऑनलाइन क्लासरूम. 2020 की शुरूआत तक मोबाइल फोन्स, कम्प्यूटर्स और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पढ़ाई से विमुख करने वाले माने जाते थे और भारत के शिक्षा क्षेत्र में मुख्य तौर पर गायब से थे. महामारी के दौरान छात्रों को बिना बाधा के ...

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पाकिस्तान में मोहाजिरों की दयनीय दशा का जिम्मेदार कौन?

शांतनु मुखर्जी 1947 में भारत विभाजन के उस काले अध्याय में कई दुर्भाग्यपूर्ण और दुखदायी घटनाएं हैं, जिनमें से एक है भारत से उर्दू बोलने वाले मुसलमानों का बड़ी संख्या में पाकिस्तान जाना. उन्हें वहां ‘मोहाजिर’ नाम दिया गया. तब सिंधी हिंदू जो उन दिनों पाकिस्तान में रह रहे थे, ...

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किसान आंदोलन: अगर सरकार पीछे हटी तो टूटेगा मोदी मैजिक

राजेश श्रीवास्तव अर्थशास्त्री और लेखक गुरचरण दास कृषि क्षेत्र में सुधार के एक बड़े पैरोकार हैं और मोदी सरकार द्बारा लागू किये गए तीन नए कृषि क़ानूनों को काफ़ी हद तक सही मानते हैं । ‘इंडिया अनबाउंड’ नाम की प्रसिद्ध किताब के लेखक गुरचरण दास के अनुसार प्रधानमंत्री किसानों तक ...

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