सर्वेश तिवारी श्रीमुख जब धर्म विरोधी शक्तियां रस्सी को सांप बना कर समाज को तोड़ने का षड्यंत्र करें, तब हमें केवल और केवल प्रेम की बात करनी चाहिए। वे एक उदाहरण दे कर कहेंगे कि ठाकुर अत्याचारी होते हैं। मैं हजार उदाहरणों के साथ अड़ा रहूंगा कि आज भी असँख्य ...
Read More »हमारे कॉलमिस्ट
“निर्मलजीत सिंह शेखों” : भारतीय वायु सेना के एक मात्र परमवीर चक्र विजेता
लोकेश कौशिक युद्ध की जब भी चर्चा होती है, हमारे किस्से भारतीय आर्मी से आ जुड़ते है, लेकिन आज एयर फोर्स डे पर मैं आपको सुनाता हूँ भारतीय वायु सेना के एक मात्र परमवीर चक्र विजेता “निर्मलजीत सिंह शेखों” की कहानी। 14 दिसम्बर 1971 का दिन श्रीनगर की जमा देने ...
Read More »रामविलास पासवान: जातिबोध था लेकिन लोक व्यवहार की लक्ष्मण रेखा का कभी उल्लंघन नहीं किया
उमेश उपाध्याय “हमारी प्रेस रिलीज नहीं छापिएगा संपादक जी?” मैंने अपने डेस्क से ऊपर नज़र उठाई तो देखा सफ़ेद कुर्ते पजामे में आत्मविश्वास से भरपूर एक नौजवान नेता हमारे संपादक स्वर्गीय श्री शरद द्विवेदी से मुखातिब था। ये कोई 1985-86 की बात है। मैंने पीटीआई भाषा में बतौर प्रशिक्षु पत्रकार ...
Read More »हिंदुओं के रेप में जाति का समीकरण परोसता मीडिया, TRP के लिए 13 साल पहले ही दिख गया था मीडिया का गिद्ध रूप
आनंद कुमार (साभार) हाथरस मामले के बीच ये याद करने की ज़रूरत है कि बारह वर्ष पहले, साल का करीब-करीब यही वक्त था (अक्टूबर 2008), जब उमा खुराना ने एक स्टिंग ऑपरेशन को लेकर अपना मानहानि का मुकदमा वापस लिया। उनका कहना था कि टीवी न्यूज़ चैनल के साथ, अदालत के ...
Read More »गलतियों पर गलतियां करती गयी योगी सरकार, अपनों ने ही फटकारा
राजेश श्रीवास्तव यूं तो उत्तर प्रदेश में कई बार दुराचार की घटनाएं भी हुईं, हत्या भी हुईं लेकिन हाथरस मामले में भारतीय जनता पार्टी के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आखिर अपनों के ही निशाने पर आ गये तब जाकर उन्हें यह एहसास हुआ कि उनसे गलती हुई और उन्होंने ...
Read More »43 साल पहले 3 अक्टूबर की रात इंदिरा गांधी के साथ ऐसा भयावह क्या गुजरा?
इंदिरा गांधी करीब 15 साल देश की प्रधानमंत्री रहीं, उन्होंने कभी कल्पना तक नहीं की होगी कि जिस देश में उन्होंने खुद पूरे दमखम से राज किया, उनके पिता भी 17 साल तक देश के पीएम रहे, उनके साथ भी इस तरह की ‘भयावह’ घटना हो सकती है? 3 अक्टूबर ...
Read More »सुपर कम्युनिस्ट शास्त्री: बेटी इंदिरा के हाथ में देश सौंपने के लिए नेहरू ने मृत्यु से पहले ही कर लिए थे पूरे इंतजाम
आशीष नौटियाल (साभार) ‘Who After Nehru’ यानी, ‘नेहरू के बाद कौन?’ मई 27, 1964 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अखबारों के पहले पन्नों पर यही प्रमुख शीर्षक था। 1964 में जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने भारत ...
Read More »बेगूसराय में बजरंग दल कार्यकर्ता की मॉब लिंचिंग की कोशिश, हथियारों के साथ 400 की मुस्लिम भीड़ ने घेरा
जयन्ती मिश्रा (साभार) असहाय, बेबस और कथिततौर पर लव जिहाद का शिकार हुई पीड़िता की मदद करना, बिहार के बेगूसराय में बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मॉब लिंचिंग की कगार पर लाकर खड़ा कर देगा, यह शुभम भारद्वाज, पंकज सिंह, विकास भारती ने कभी सोचा भी नहीं था। उनके पास तो बस ...
Read More »कठुआ कांड की तरह ही मीडिया लिंचिंग की साजिश तो नहीं? 31 साल पहले भी 4 नौजवानों ने इसे भोगा था
आनंद कुमार (साभार) शहर एक नए किस्म के अपराधियों से परेशान था। ये लड़कों के छोटे-छोटे समूहों में होते थे और लोगों पर हमला कर उनके साथ मारपीट और लूटपाट किया करते थे। ‘वाइल्डिंग’ नाम के ऐसे समूह 1989 के दौर में अमेरिका के न्यूयॉर्क में खासे कुख्यात थे। न्यूयॉर्क के ...
Read More »जब बलात्कार से ज्यादा जरूरी हिन्दू प्रतीकों पर कार्टून बना कर नीचा दिखाना हो जाता है: अपना इतिहास स्वयं लिखो
आनंद कुमार (साभार) बलात्कार का अभियुक्त था, भारत में होता तो शायद उसके साथ इससे भी बुरा होता। जब वो चीख-चीख कर कहने लगा कि उसने कोई बलात्कार किया ही नहीं तो उसकी सुनता कौन? हरेक अपराधी ऐसा ही कहता है। ऊपर से ये तो अपराधियों में भी सबसे घृणित ...
Read More »सात सीटो पर जीतने वाले सिर्फ डेढ़ साल के लिए बन सकेंगे विधायक
सात में से छह पर भाजपा तो एक पर सपा काबिज राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । उत्तर प्रदेश में जिन सात सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हुआ है। उनमें सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के सामने जहां-जहां अपना ...
Read More »माधव कान्त मिश्र : पत्रकार जिसने धर्म और अध्यात्म को बनाया लोक सरोकार (त्रयोदशाह पर श्रद्धाञ्जलि)
डॉ० मत्स्येन्द्र प्रभाकर स्वच्छ और निर्मल मन के लोग अपने व्यवहार में भी निर्विकार होते हैं। सामने आने/उभरने वाले किसी मुद्दे पर वे बेलाग मुखर हो जाते हैं। वज़ह यह कि उनके मन में कोई कूड़ादान नहीं होता। हालाँकि इसकी बिना पर लोग उनके व्यक्तित्त्व को लेकर बहुधा सशंकित हो ...
Read More »दान कुपात्र को न मिले
के. विक्रम राव 21 सितम्बर, 2020 लोकसभा ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA), 2020, पारित कर दिया| यह कदाचार पर खरोंच मात्र है| इस कानून के तहत स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) पर वित्तीय अनुशासन कड़ा होगा| नरेंद्र मोदी ने इसे ‘पंच सितारा उद्यम’ बताया जिससे उनकी एनडीए सरकार को पलटने का ...
Read More »उत्तर प्रदेश का बंटवारा हो सकता है मोदी का नया दांव
के. पी. मलिक मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राम मंदिर, धारा 370, ट्रिप्पल तलाक, सीएए आदि हिंदुत्व के मुद्दों पर बढ़त अवश्य बनाई थी परन्तु कोरोना महामारी, चीन के साथ तनातनी, तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में बेचैनी के फ्रंट पर सरकार फेल होती ...
Read More »मुख्यमंत्री जी, जवाब दीजिये आपदा काल में कैसे यूपी में हो गया हजारों करोड़ का कोरोना किट घोटाला
राजेश श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तल्ख रवैये से पूरा प्रदेश ही नहीं देश भी भली-भांति वाकिफ है। ऐसे में यह उम्मीद की रही थी कि योगी आदित्यनाथ के शासन में भले ही काम न हो लेकिन भ्रष्टाचार की गुंजाईश नहीं रहेगी। शपथ लेने के बाद ही ...
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