Sunday , November 24 2024

हमारे कॉलमिस्ट

गिरती जीडीपी : नोटबंदी के दिन से ही शुरू हो गया था आर्थिक दुर्भाग्य

राजेश श्रीवास्तव इसी सप्ताह दो ऐसी खबरें आयीं जिससे पता चलता है कि सरकार की नीतियां कितनी कारगर होती दिख रहीं हैं। एक गिरती जीडीपी की और दूसरी फैक्ट्रियों मंे उत्पादन ठप होने या कम होने के चलते बिजली की कम मांग। इन दोनों खबरों का आकलन करना बेहद जरूरी ...

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हम भी रेले गए थे, तुम भी रेले जाओगे: उद्धव ठाकरे को मिली कुमारस्वामी की चिट्ठी

प्रिय उद्धव बाला साहब ठाकरे, ख़बरों में देखा कि आपने कॉन्ग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मैंने भी ली थी। आपने बहुमत भी साबित कर दिया। मैंने भी कर दिया था। आपने भी मोटाभाई का इगो हर्ट किया। मैंने भी किया था। आपने 3 दिन के ...

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जो अपने ‘बाप’ के नहीं हुए, वो ‘बापू’ के क्या होंगे?

आदरणीय राहुल गांधी जी, एक ‘गांधी’ की हत्यारे की विचारधारा से नफरत और दूसरे ‘गांधी’ की हत्यारों की विचारधारा से मुहब्बत…? राहुल जी आप सोच रहे होंगे कि ये दूसरे ‘गांधी’ कौन हैं तो ये दूसरे ‘गांधी’ है आपके पूजनीय पिताजी स्वर्गीय राजीव गांधी… जाहिर है हर बेटे की तरह ...

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महाराष्ट्र : यूं हीं नहीं चले गये अजित बीजेपी के खेमे में

राजेश श्रीवास्तव महाराष्ट्र में सियासत की जो इबारत लिखी गयी वह पुरानी पर बेमिसाल ही कही जायेगी। मात्र रात के दो-तीन घंटों में ही पूरी तस्वीर बदल गयी और जब सियासत दां नींद से जागे तो देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थ्ो। दरअसल इस पूरे घटनाक्रम को ...

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महाराष्ट्र की राजनीति में फ़िलहाल लक्ष्मण के मूर्छित होने और रावण वध के बीच का समय है यह

दयानंद पांडेय भारतीय राजनीति में धर्मनिरपेक्षता , सांप्रदायिकता , विचारधारा आदि-इत्यादि न सिर्फ़ लफ्फाजी है बल्कि बहुत बड़ा पाखंड है , महाराष्ट्र की नई राजनीति ने एक बार फिर साबित कर दिया है। यह भी कि लोकतंत्र में संख्या बल और जोड़-तोड़ ही नहीं , मनबढ़ई , लंठई , गुंडई ...

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शेर, लोमड़ी और भेड़िए में सत्ता संघर्ष… बुरी मौत मरा लोमड़ी: महाराष्ट्र में आज की कहानी

जंगल में सूखा पड़ा था और खाने की कमी होने लगी। शाकाहारी पशु मरने लगे या पलायन कर गए तो शेर, भेड़िये और लोमड़ी को भी खाना मिलना मुश्किल होने लगा। आखिर लोमड़ी ने शेर और भेड़िये के साथ मिलकर बैठक की। तय हुआ कि पूरा एक जानवर तो तीनों ...

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पत्रकारिता के अंतिम पैगंबर रवीश जी के अंतरात्मा की आवाज: सुप्रीम कोर्ट बेवफा है!

रवीश जी को कौन नहीं जानता! पत्रकारिता की जगत का चमचमाता सितारा हैं, या कहिए कि सूर्य हैं। आप उन्हीं से पूछिए, वो बता देंगे आपको कि पत्रकारिता में उनको छोड़ कर अब कोई बचा नहीं है। ऐसा वो बार-बार कहते हैं, क्योंकि मूढ़ जनता मानने को तैयार ही नहीं ...

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एक संजय जिसके कारण बाला साहेब ने कुत्ता पालना छोड़ दिया, दूसरे ने उनके बेटे को धोबी का कुत्ता बना दिया

24 अक्टूबर को जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगेगा। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 और उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली थी। लेकिन, शिवसेना की एक जिद्द ने न केवल राज्य की ...

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वो 8 मीडिया पोर्टल्स जिन्होंने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट को ही घेरा, हिन्दू देवताओं का उड़ाया मजाक

राम मंदिर पर फ़ैसला आने के बाद मीडिया की क्या प्रतिक्रिया रही? सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद जहाँ हर तबके में इसका स्वागत किया गया, एक धड़ा ऐसा भी था, जिसने सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले को लेकर नकारात्मकता फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसे अनुच्छेद 370 के ...

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हिन्दुओं को भला-बुरा कह ‘कूल’ बनीं शबाना: बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, दूसरी बीवी सुभान अल्लाह

कुमारटुली से शुरू करते हैं। कुमारटुली से इसीलिए, क्योंकि वहाँ के लोगों के कारण बंगाल की दुर्गा पूजा में वो रौनक आती है, जो शायद ही कहीं और रहती हो। नार्थ कोलकाता के शोभाबाजार के पास स्थित कुमारटुली में ही वो लोग रहते हैं, जो माँ दुर्गा की कई भव्य ...

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ख़ुद में ‘ढुका लाग के’ देखिए रवीश जी, दूसरों को ‘लबरा’ बता कर नेतागिरी करना बंद कर देंगे

रवीश कुमार ने मोतिहारी में क़दम रखा और वहाँ उनका ख़ूब स्वागत किया गया। मैं भी चम्पारण से हूँ, इसीलिए रवीश कुमार के जहाँ से उठ कर यहाँ तक पहुँचे हैं, उस पर हर चम्पारणवासी की तरह मुझे भी गर्व है। लेकिन हाँ, यहाँ तक पहुँचने के बाद उन्होंने क्या-क्या ...

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महाराष्ट्र और हरियाणा में आखिर कौन जीता,कौन हारा

राजेश श्रीवास्तव महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजों की अगर ठीक से व्याख्या की जाए तो एक बात तो साफ हो जाती है कि वहां भारतीय जनता पार्टी की जीत नहीं हुई है। यह बात दूसरी है कि सरकार वहां भाजपा की ही बनेगी। लेकिन एक वाक्य में इन ...

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किरण बेदी ‘राक्षस’ हैं, क्योंकि कॉन्ग्रेसियों के लिए नारी सम्मान बस मैडम जी की चमचई है

एक देश की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री। दूसरी, पहली महिला जिसने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) को चुना। दोनों ही महिला सशक्तिरण की मिसाल। लेकिन, शुक्रवार यानी 31 अक्टूबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गॉंधी की पुण्यतिथि पर ही दूसरी महिला यानी पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की तुलना ‘राक्षस’ ...

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प्रिय रवीश जी, छोटे रिपोर्टर को अपमानित करने से आपका कब्ज नहीं जाएगा, चाहे कितना भी कुथिए

अजीत भारती ये किसी से छुपा नहीं है कि रवीश कुमार पिछले पाँच सालों में स्वयं को पत्रकारिता का एकमात्र सत्यापनकर्ता मान चुके हैं। ‘धंधे’ को लेकर आलोचना करना एक बात है, लेकिन आलोचना के चक्कर में ये बताने लगना कि धंधा अगर कोई कर रहा है, तो वो स्वयं ...

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‘हम इतिहास से सबक नहीं सीखते’

प्रखर श्रीवास्तव कुछ ऐसा ही धोखा किया गया था 83 साल पहले स्वामी श्रद्धानंद के साथ… मैं यहां कमलेश तिवारी और स्वामी श्रद्धानंद की तुलना नहीं कर रहा, दोनों में बहुत अंतर है… मैं सिर्फ धोखेबाज़ी, दगाबाज़ी और गद्दारी के एक घटनाक्रम को समझाने की कोशिश कर रहा हूं… 2019 ...

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