कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है,इससे लगभग कोई भी अछूता नहीं रह गया है। गाँव आज अपने भाग्य को कोसते हुए अपनी अन्तहीन पीड़ा में कराह रहे हैं। स्थिति ठीक आग की भट्टी में सुलगने वाले कोयले की तरह हो गई है।सबके पास अपने बचाव की पर्याप्त ...
Read More »हमारे कॉलमिस्ट
भगत सिंह फिर जन्मे, मगर पड़ोस के घर में !
के. विक्रम राव देश बनता है राष्ट्रनायकों के उत्सर्ग से। संघर्षशील इस्राइल इस तथ्य का जीवंत प्रमाण है। आठ अरब देशों, सभी शत्रु, की 42 करोड़ आबादी का मुकाबला सात दशकों से 90 लाख जनसंख्यावाला इस्राइल अकेला कर रहा है। तीन युद्ध लड़ा और सभी जीता भी। इस्राइल में हर ...
Read More »‘अल्लाह-हू-अकबर’ के साथ दंगे, आतंक, जबरन धर्म-परिवर्तन पर चुप्पी… लेकिन ‘जय श्रीराम’ नारे पर सबूत माँग रहा गैंग
हरियाणा का मेवात पिछले साल हिंदुओं पर होते अत्याचारों के कारण सुर्खियों में था और इस बार ये चर्चा में आसिफ की तथाकथित मॉब लिंचिंग की वजह से आया है। बीते वर्ष चंद चैनलों या वेबसाइट्स को छोड़ दिया जाए तो किसी ने हिंदूविहीन होते गाँवों पर बोलना तक जरूरी नहीं समझा था। लेकिन ...
Read More »विधायिका और कार्यपालिका के बीच संतुलन में फंसे मुख्यमंत्री
राजेश श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में आंशिक कोरोना कफ्र्यू शुरू कर दिया। कागजों पर संक्रमितों की संख्या घटी। यह बात दूसरी है कि गांवों में संक्रमण नहीं थमा है। अकेले यूपी के बिजनौर में ही सवा महीने में 35 लोगों की मौत हो गयी। ...
Read More »नारी की चुनौती नयी माकपा सरकार को !
के. विक्रम राव नारी—अस्मिता को अतीव महत्व देने के लिये गुजरात के बाद केरल ही मशहूर है। इस बार वहां प्रथम महिला मुख्यमंत्री की संभावना अत्यधिक थी। पर लैंगिक भेदभाव करने में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट भी अंतत: वही भारतीय समाज में जमी पौरुष ग्रंथि से मुक्त नहीं हो पाये। कांग्रेसी जैसी ...
Read More »ममता दीदी का ”खेला” चालू छे !
के. विक्रम राव भारतीय गणराज्य से बंगभूमि के ”मुक्ति” का संघर्ष विप्र—विदुषी ममता बंधोपाध्याय ने तेज कर दिया है। यूं भी ”आमी बांग्ला” बनाम ”तूमि बाहरी” के नारे पर उनकी तृणमूल कांग्रेस पार्टी विधानसभा का चुनाव गत माह लड़ी थी। अत: अब अपने अधूरे एजेण्डे को अंजाम देने में प्राणपण ...
Read More »मालेरकोटला पर विवाद ? अज्ञानता ही जड़ है !!
के. विक्रम राव दो राज्यों (पंजाब और उत्तर प्रदेश) के मुख्यमंत्रियों में विवादग्रस्त बयानबाजी कल (15 मई 2021) हुयी। नतीजन पंजाब की एक शांत, सशुप्त नगरी सुखियों में आ गयीं। संपादकजन भी खोजने लगे कि आखिर यह मालेरकोटला है क्या बला ? इस नगरी पर कांग्रेसी कप्तान अमरेन्द्र सिंह और ...
Read More »इस्राइल से यारी पर खौफ इतना क्यों ?
के. विक्रम राव अरब आतंकी गिरोह ”हरकत—अल—मुक्वाम—अल—इस्लामी” (हमास) के राकेट के हमले से गाजा सीमावर्ती इलाके में सेवारत नर्स 32—वर्षीया सौम्या की परसों रात (11 मई 2021) मृत्यु हो गयी। अगले ही दिन विश्व नर्स दिवस था। उसकी अस्सी—वर्षीया यहूदी मरीज भी बुरी तरह घायल हो गयी। आक्रमण के वक्त ...
Read More »सोनिया ! और कितने दिन ?
के. विक्रम राव वामपंथी, सोनिया—प्रशंसक अंग्रेजी दैनिक ”दि हिन्दू” में आज (12 मई 2021) कार्टूनिस्ट सुरेन्द्र ने एक चित्र रेखांकित किया है। कांग्रेस कार्य समिति की (10 मई) हुयी बैठक की बाबत है। म्यूजिकल चेयर का खेल चल रहा है। भोंपू पर रिकार्ड बज रहा है। गोलाई के भीतर बस ...
Read More »जान और जहान के चक्रव्यूह में फंसे न जान बच पा रही, न जहान की उम्मीद
राजेश श्रीवास्तव इन दिनों आपने देखा होगा कि भारत में सुप्रीम कोर्ट, लगभग सभी हाईकोर्ट, कोरोना पर गठित टास्क फोर्स, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, जापान और अन्य कई देश जहां भारत में संपूर्ण लाकडाउन की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉक डाउन को अंतिम विकल्प मान कर टाल ...
Read More »कोरोना संकट से हांफता देश और सियासत में जुटी सरकारें
राजेश श्रीवास्तव इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ा है, हजारों जानें उसमें समा गयी हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्य सियासत में पीछे नहीं हैं। पिछले एक महीने से कोरोना की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचा ...
Read More »तो अपना ग़म भूलिए , दुःख भूलिए , बस धीरज की डोरी से बंधे रहिए !
दयानंद पांडेय इस कोरोना काल में स्थितियां सचमुच बहुत कठिन हैं। अरण्य काण्ड में सती अनुसूइया द्वारा सीता को दी गई सीख में तुलसी दास ने लिखा ज़रूर है : धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी।। बृद्ध रोगबस जड़ धनहीना। अंध बधिर क्रोधी अति दीना।। तो धीरज ...
Read More »पत्रकारिता का पीपली लाइवः स्टूडियो से सेटिंग, श्मशान से बरखा दत्त ने रिपोर्टिंग की सजाई चिता
शिव मिश्रा स्टूडियो में बैठकर समाचार पढ़ने के दिनों से टीवी न्यूज़ पहले ही बहुत आगे चला गया था। चलते-चलते कारगिल तक पहुँचा और वहाँ रुक कर सारी सराहना बटोर कर अपने क़ब्ज़े में कर ली। जहाँ खड़े होकर रिपोर्टिंग की, अक्सर पाकिस्तानी गोले वहीं आकर गिरने लगे। युद्ध को ...
Read More »ऐसा साथ और विकास किस काम का जहां कोई अपना बचे ही नहीं
राजेश श्रीवास्तव मैं अपना कॉलम पिछले 2०14 यानि लगभग सात सालों से लगातार लिख रहा हूं लेकिन आज पहली बार जिस मुद्दे पर दो टूक लिख रहा हूं वह बेबस कर रहा है। देश और प्रदेश में कोरोना को लेकर के जो हालात हैं उन पर सिर्फ यह कहकर कि महामारी ...
Read More »मुख़्तार अंसारी , बस आत्महत्या मत करना , अपनी फांसी की प्रतीक्षा करना
दयानंद पांडेय यह कौन सा धागा है , जिस से ऐसी चादर बुन ली मुख़्तार अंसारी कि दुनिया को डराते-डराते तुम ख़ुद डरने लगे। पत्ते की तरह कांपने लगे हाई वे पर। आखिर कैसे जुलाहे हो। कैसे बुनकर हो। कि अपने ही लिए फांसी का फंदा बुन लिया। ख़ैर , ...
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