Thursday , March 28 2024

हमारे कॉलमिस्ट

सोनिया ! और कितने दिन ?

के. विक्रम राव वामपंथी, सोनिया—प्रशंसक अंग्रेजी दैनिक ”दि हिन्दू” में आज (12 मई 2021) कार्टूनिस्ट सुरेन्द्र ने एक चित्र रेखांकित किया है। कांग्रेस कार्य समिति की (10 मई) हुयी बैठक की बाबत है। म्यूजिकल चेयर का खेल चल रहा है। भोंपू पर रिकार्ड बज रहा है। गोलाई के भीतर बस ...

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जान और जहान के चक्रव्यूह में फंसे न जान बच पा रही, न जहान की उम्मीद

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों आपने देखा होगा कि भारत में सुप्रीम कोर्ट, लगभग सभी हाईकोर्ट, कोरोना पर गठित टास्क फोर्स, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, जापान और अन्य कई देश जहां भारत में संपूर्ण लाकडाउन की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉक डाउन को अंतिम विकल्प मान कर टाल ...

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कोरोना संकट से हांफता देश और सियासत में जुटी सरकारें

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ा है, हजारों जानें उसमें समा गयी हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्य सियासत में पीछे नहीं हैं। पिछले एक महीने से कोरोना की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचा ...

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तो अपना ग़म भूलिए , दुःख भूलिए , बस धीरज की डोरी से बंधे रहिए !

दयानंद पांडेय इस कोरोना काल में स्थितियां सचमुच बहुत कठिन हैं। अरण्य काण्ड में सती अनुसूइया द्वारा सीता को दी गई सीख में तुलसी दास ने लिखा ज़रूर है : धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी।। बृद्ध रोगबस जड़ धनहीना। अंध बधिर क्रोधी अति दीना।। तो धीरज ...

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पत्रकारिता का पीपली लाइवः स्टूडियो से सेटिंग, श्मशान से बरखा दत्त ने रिपोर्टिंग की सजाई चिता

शिव मिश्रा स्टूडियो में बैठकर समाचार पढ़ने के दिनों से टीवी न्यूज़ पहले ही बहुत आगे चला गया था। चलते-चलते कारगिल तक पहुँचा और वहाँ रुक कर सारी सराहना बटोर कर अपने क़ब्ज़े में कर ली। जहाँ खड़े होकर रिपोर्टिंग की, अक्सर पाकिस्तानी गोले वहीं आकर गिरने लगे। युद्ध को ...

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ऐसा साथ और विकास किस काम का जहां कोई अपना बचे ही नहीं

राजेश श्रीवास्तव मैं अपना कॉलम पिछले 2०14 यानि लगभग सात सालों से लगातार लिख रहा हूं लेकिन आज पहली बार जिस मुद्दे पर दो टूक लिख रहा हूं वह बेबस कर रहा है। देश और प्रदेश में कोरोना को लेकर के जो हालात हैं उन पर सिर्फ यह कहकर कि महामारी ...

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मुख़्तार अंसारी , बस आत्महत्या मत करना , अपनी फांसी की प्रतीक्षा करना

दयानंद पांडेय  यह कौन सा धागा है , जिस से ऐसी चादर बुन ली मुख़्तार अंसारी कि दुनिया को डराते-डराते तुम ख़ुद डरने लगे। पत्ते की तरह कांपने लगे हाई वे पर। आखिर कैसे जुलाहे हो। कैसे बुनकर हो। कि अपने ही लिए फांसी का फंदा बुन लिया। ख़ैर , ...

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मायावती ने मुलायम से उठक-बैठक करवाई तो सपाई गुंडे मायावती की हत्या पर आमादा हो गए

दयानंद पांडेय  तथ्य यह भी दिलचस्प है कि अपने को सेक्यूलर चैंपियन बताने वाले मुलायम सिंह यादव पहली बार 1977 में जब मंत्री बने तो जनता पार्टी सरकार में बने जिस में जनसंघ धड़ा भी शामिल था। मुलायम सहकारिता मंत्री थे , कल्याण सिंह स्वास्थ्य मंत्री , रामनरेश यादव मुख्य ...

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आतंकवादियों से ज्यादा खतरनाक हैं माओवादी, बच्चों का भी करते हैं प्रयोग

उपेन्द्र नाथ राय छत्तीसगढ़ का जिला उत्तर बस्तर (कांकेर)। बात मार्च 2015 की है। पुलिस को सूचना मिली कि कोटरी नदी के उस पार आलदंड की तरफ माओवादी अड्डा जमाए हैं। उसमें एलओएस और एरिया कमांड के कमांडर भी हैं। पुलिस ने रात को घेराबंदी की योजना बनाई। उस समय ...

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लाल आतंक : हिडमा नहीं पहले जनताना को खत्म करे सरकार

उपेन्द्र नाथ राय हिडमा लाल आतंक का एक ऐसा नाम है, जो बस्तर संभाग में पुलिस और केन्द्रीय फोर्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती। माओवादियों की दंडकारंय समिति की सबसे उच्च पदाधिकारी कमेटी में कुल 24 लोगों में मात्र दो छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। एक सुकमा जिले का हिडमा और ...

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चार साल में जूझते-जूझते योगी ने उत्तर प्रदेश को बना उत्तम प्रदेश

राजेश श्रीवास्तव बीते 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के चार साल बेमिसाल ढंग से पूरे हो गये। बेमिसाल इसलिए क्योंकि शायद वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिनके कार्यकाल में कोई भी दंगा नहीं हुआ। उन्होंने बड़े-बड़े सूरमाओं को धूल चटा दी। आतंक के पर्याय ...

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कांग्रेसी-वामपंथी राजनीति के जमूरे बनते राकेश टिकैत

कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल किसानों के नाम पर राजनीति चमकाने और बेशुमार दौलत की प्राचीर खड़े करने वाले तथाकथित किसान नेताओं ने सबसे ज्यादा किसानों को छलने का काम किया है। राकेश टिकैत उनमें से एक नाम हैं ,जो मीडिया फुटेज खाने की अपनी आदत और लच्छेदार जुगाली फेंकते हुए किसानों ...

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जब ब्रिटिश को नमक मिर्चेदार लगा था !!

के. विक्रम राव ठीक पचास वर्ष हुये आज से, (12 मार्च 2021)। मेरे पत्रकारी व्रत (अब वृत्ति) का प्रथम दशक था। अहमदाबाद के आश्रम रोड (नवरंगपुरा) पर हमारा दफ्तर (टाइम्स आफ इंडिया) रहा, अभी भी है। साबरमती नदी तट पीछे और गांधी आश्रम दूसरी छोरपर पड़ता है। गुजरात में मेरी ...

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कांग्रेस पर दलबदल का संकट,170 विधायकों ने छोड़ा साथ,5 राज्यों में गिरी सरकारें

विकास सिंह चुनावों के समय विधायकों का अपनी पार्टी से मोहभंग होना और पाला बदलना वैसे तो कोई नई बात नहीं है लेकिन अगर विधायकों के पार्टी के मोहभंग से 5 सालों में पांच सरकारें गिर जाए तो लोकतंत्र में व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल उठना स्वभाविक है। सवाल चुनावी ...

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आख़िर मिथुन चक्रवर्ती भी आईने के सामने खड़े हो कर आज लेफ्ट से राइट बन गए

दयानंद पांडेय कोलकाता की रैली में आज मंच पर सरेआम नरेंद्र मोदी का चरण स्पर्श करने वाले मिथुन चक्रवर्ती भी आख़िर भाजपा की वाशिंग मशीन में आ गए। मिथुन चक्रवर्ती कभी लेफ्ट में लेफ्ट राइट करते थे। वामपंथी फ़िल्मकार और निर्देशक मृणाल सेन के अभिनेता हैं मिथुन चक्रवर्ती। मृगया मिथुन ...

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