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G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत आएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति, पीएम मोदी के साथ बाइडेन की होगी द्विपक्षीय वार्ता

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना तय हो गया है। ह्वाइट हाउस के अनुसार वह बृहस्पतिवार यानि 7 सितंबर को भारत जाएंगे। बाइडेन जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। जी-20 समूह का मौजूदा अध्यक्ष भारत नई दिल्ली में नौ और दस सितंबर को होने वाले इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं की मेजबानी करेगा। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार रात जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं।

यूक्रेन मुद्दे पर भी होगी चर्चा

ह्वाइट हाउस ने कहा कि जी20 देशों के नेता यूक्रेन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रमण के आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों का भी आकलन करेंगे। इसमें कहा गया है कि जी20 नेता वैश्विक चुनौतियों से निपटने और गरीबी से बेहतर ढंग से लड़ने के लिए विश्व बैंक सहित अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों की क्षमता बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे। बयान के अनुसार, “नयी दिल्ली की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति बाइडन प्रधानमंत्री मोदी के जी20 समूह के नेतृत्व की भी सराहना करेंगे। वह आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगे, जिसमें 2026 में समूह की मेजबानी भी शामिल है। ” जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरसरकारी मंच है।

जी-20 देश 85 फीसदी जीडीपी का करता है प्रतिनिधित्व

जी-20 के सदस्य देश लगभग 85 फीसदी वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), 75 फीसदी के आसपास वैश्विक कारोबार और करीब दो-तिहाई वैश्विक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। व्हाइट हाउस के मुताबिक, बाइडन दस सितंबर को वियतनाम की राजधानी हनोई जाएंगे। उसने कहा, “हनोई में बाइडन अमेरिका और वियतनाम के बीच सहयोग को और गहरा करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति न्गुयेन फु त्रोन और अन्य प्रमुख नेताओं से मिलेंगे।” व्हाइट हाउस के अनुसार, “नेता प्रौद्योगिकी-केंद्रित और नवाचार-आधारित वियतनामी अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने, शिक्षा आदान-प्रदान एवं कार्यबल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों का विस्तार करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और शांति, समृद्धि एवं स्थिरता लाने के अवसरों पर भी मंथन करेंगे।

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