Thursday , May 9 2024

लॉकअप के अंदर आरोपी ने काटी गर्दन, कहा- मर सकता हूं लेकिन लड़की नहीं छेड़ सकता

कानपुर। कानपुर के गोविंदनगर थाना क्षेत्र में शनिवार को छेड़छाड़ के आरोपी ने लॉकअप के अन्दर अपनी गर्दन काट ली. पुलिसकर्मियों ने जब खून बहता देखा तो फ़ौरन उसे पास के हास्पिटल में भर्ती कराया जहां उसका प्राथमिक उपचार कर उसे हैलट अस्पताल रेफर किया गया है. घायल अवस्था में पुलिस के सामने आरोपी विकास उर्फ़ मैडी ने कहा कि वह मर सकता है लेकिन लड़की नहीं छेड़ सकता है. यह सुनकर सभी पुलिसकर्मी और डाक्टर हैरान रह गए.

दरअसल गोविन्द नगर थाना क्षेत्र स्थित महादेव नगर में रहने वाले विकास के छोटे भाई विक्रम ने पास में रहने वाली लड़की से लव मैरिज की थी. विक्रम ने यह शादी बीते साल 25 नवम्बर 2017 को थी. लेकिन लड़की का पिता इस शादी के विरोध में था. जिसके बाद अब लड़की के पिता ने विक्रम और मैडी पर आरोप लगाया कि दोनों भाईयों ने उसकी छोटी बेटी के साथ छेड़छाड़ की है.

वहीं पुलिस ने इस मामले में विक्रम और मैडी को हिरासत में लेते हुए दोनों भाईयों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था. साथ ही दोनों भाईयों को तीन दिन से थाने में ही बंद कर रखा था. पीड़ित लड़की के बयान दर्ज होने के बाद भी पुलिस इन्हें जेल नहीं भेज गया था. जिसको लेकर मैडी का कहना है कि रतनलाल नगर चौकी इंचार्ज भूपेंद्र ने लड़की के पिता से पैसे लेकर मुझ पर और मेरे भाई पर मामला दर्ज किया है.

साथ ही मैडी ने कहा ‘मैं मर सकता हूं, मार सकता हूं लेकिन किसी लड़की को नहीं छेड़ सकता’. चौकी इंचार्ज पर आरोप लगाते हुए मैडी ने बताया कि उसे चार दिनों से लॉकअप में बंद कर के प्रताड़ित किया जा रहा है. इसके साथ ही जातिसूचक शब्द कहकर लॉकअप की सफाई भी कराई गई. सफाई के दौरान उसे एक ब्लेड मिली जिससे उसने अपना गला काट लिया.

मामले की जांच की जाएगी: सीओ गोविंदनगर थाना

वहीं गोविंद नगर सीओ आर के चतुर्वेदी के मुताबिक इन दोनों भाईयों को छेड़छाड़ के आरोप में हिरासत में लिया गया था. इस दौरान ही इनमें से एक ने अपनी गर्दन ब्लेड से काट ली. अब रतनलाल नगर चौकी इंचार्ज इस बात की जांच कर रहे हैं कि चौकी के अंदर ब्लैड कहां से आया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच भी की जाएगी कि उन दोनों आरोपियों को तीन दिन से चौकी में क्यों बंद कर के रखा गया था. कानून के मुताबिक किसी को 24 घंटे से ज्यादा लॉकअप में बंद करने का अधिकार नहीं है.

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