Friday , May 3 2024

शोएब अख्तर ने फोन कर मोहम्मद हफीज़ को संन्यास लेने से रोका

शोएब अख्तर लंबे वक्त पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जर्सी को उतार चुके हैं. लेकिन अब भी वो पाकिस्तान क्रिकेट के लिए कितने चिंतत हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कल से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरु हुए टेस्ट मैच में बिना शामिल हुए भी उन्होंने टीम के लिए अपना योगदान दे दिया.

जी हां, कल के मुकाबले में पाकिस्तान की टीम में वापसी करते हुए धमाकेदार शतक लगाने वाले हीरो मोहम्मद हफीज़ को अख्तर की एक फोन कॉल ने बदल कर रख दिया. दो सालों से टीम से बाहर और पाकिस्तान के लिए लगातार अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में नीचाई पर जा रहे इस खिलाड़ी ने संन्यास का मन बना लिया था. लेकिन उनकी पत्नी और शोएब अख्तर ने उन्हें ऐसा नहीं करने से रोका.

लगभग दो साल बाद पाकिस्तान की टेस्ट टीम में वापसी करते हुए हफीज़ ने अपने टेस्ट करियर का 10वां शतक जड़ दिया. मैच के बाद उन्होंने बताया कि किस तरह से वो संन्यास को लेकर अपना आखिरी फैसला कर चुके थे.

उन्होंने बताया, ‘पिछले कुछ महीनों में मैं कई परेशानियों से गुज़रा. मैं कुछ बेहद कठोर कदम उठाने जा रहा था लेकिन मेरी पत्नी ने मुझे रोक लिया. उस मुश्किल वक्त में खासकर शोएब अख्तर भाई ने मुझे फोन करके ये बड़ा फैसला लेने से रोका और समझाया कि अभी बहुत कुछ बाकी है.’

Mohammad Hafeez

@MHafeez22

Thanks @shoaib100mph bhai , ❤️ https://twitter.com/shoaib100mph/status/1048937246924189696 

हफीज़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अल्लाह ने मेरी लिए कुछ अच्छी चीज़ें प्लान की थी. मैं इस वक्त शायद कुछ और ही होता हालांकि मुझे लगता था कि यही वो जगह है जहां मैं वापसी करना चाहता था. जब मैं टीम में वापस आया तो सभी साथी खिलाड़ियों ने मेरा स्वागत किया और मुझे विश्वास दिया. जिससे मुझमें ऊर्जा आई और मैं इस वापसी से बेहद खुश हूं.’

पांचवी बार टेस्ट टीम में वापसी करने वाले पाकिस्तान के इस स्टार ने कहा कि वो इज्जत के साथ अपना करियर खत्म करना चाहते हैं. हफीज़ बोले, ‘देखिए चाहे कोई भी खिलाड़ी हो, वो खेल को इज्जत के साथ खत्म करना चाहता है और मेरी भी यही इच्छा है. मैं इज्जत के साथ खेलकर इज्जत के साथ विदा लेना चाहता हूं. इसके बाद और भी बहुत सी चीज़ें हैं लेकिन जब तक मेरे अंदर खेल या जान है तो मैं पाकिस्तान के लिए ही खेलना चाहता हूं.’

अख्तर ने साल 2011 में संन्यास से पहले हफीज़ के साथ 43 मुकाबले खेले और वो इस बात से भी खुश हैं कि हफीज़ ने उनकी सलाह मानी. अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, ‘हफीज़ संन्यास लेना चाहता था और अंतराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ना चाहता था. मैंने उसे कुछ वक्त रुकने के लिए कहा. मैं खुदा का शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मेरी बात सुनी और अब वो शानदार प्रदर्शन कर रहा है.’

हफीज़ को बिल्कुल आखिरी वक्त में टीम में शामिल किया गया. लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि उनकी टीम में वापसी होगी क्योंकि उन्होंने डॉमेस्टिक क्रिकेट में दोहरे शतक के साथ शानदार प्रदर्शन किया है.

हफीज़ ने पाकिस्तान के लिए 2003 में अपना डेब्यू किया था. तब से अब तक वो कुल 50 टेस्ट खेल चुके हैं जिनमें उनके नाम 39.22 के औसत से 3452 रन शामिल हैं.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch