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गुजरात से लौटे कामगारों ने कहा- वहां हालात खराब हैं, खदेड़े जा रहे हैं उत्तर भारतीय

लखनऊ/गोरखपुर। गुजरात के अलग-अलग शहरों में कमाने के लिए गए लोगों को वहां से भाग कर वापस आना पड़ रहा है. 14 माह की बच्ची से दुष्कर्म के बाद वहां के हालात खराब हो गए हैं. कई जिलों में बिहार और यूपी से मजदूरी करने वाले लोग अब लौट रहे हैं. गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे लोगों ने अपना दर्द बयां किया.

मुंबई से चली बांद्रा एक्सप्रेस गुजरात होते हुए आज दोपहर 2:45 बजे जब गोरखपुर पहुंची तो गुजरात में कमाने गए यूपी और बिहार के लोगों का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने बताया कि किस तरह से वहां के हालात खराब हो गए हैं. पूर्वी चंपारण के रहने वाले चंदन कुमार ने बताया कि वे गुजरात के सहारनपुर में मछली पकड़ने का काम कर रहे थे. उनका परिवार पूर्वी चंपारण में गांव में ही रहता है. पिछले तीन-चार साल से वे गुजरात में रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहे थे. पूरे परिवार का खर्च उन्हीं की कमाई से चलता रहा है. लेकिन अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

बिहार के रहने वाले हरीलाल साहनी और विरेन्‍द्र साहनी ने बताया कि बिहार के 12 लोग गुजरात के अहमदाबाद में मजदूरी कर रहे थे. लेकिन गुजरात में 14 माह की बच्ची के साथ हुई रेप की घटना के बाद वहां का माहौल बिगड़ गया. उत्तर भारतीयों को वहां से गुजरात के पटेल समुदाय के लोग मार-पीट कर भगा रहे हैं. हर महीने में 8 से 10 हजार कमा लेते थे. जिससे गांव में रह रहे परिवार का खर्च चलता था. लेकिन, अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. मोदी जी या तो बिहार में रोजगार की व्‍यवस्‍था करें या फिर ऐसे संकट को खत्‍म करें.

बिहार के रहने वाले संतूराम और विंदेश्‍वर साहनी ने बताया कि पूरे परिवार को छोड़कर वे पिछले कई साल से गुजरात के सारणपुर जिले में मछली पकड़ने का काम कर रहे थे. वहां के हालात खराब होने के कारण उन्हें आनन-फानन में वहां से लौटना पड़ा. हालात इतने खराब है कि गुजरात के पटेल समुदाय के लोग बिहार और यूपी के रहने वाले लोगों को वहां से खदेड़ रहे हैं. वे लोग किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग कर वापस आए हैं.

उनका कहना है कि अपने ही देश में रहकर उन्हें गुजरात से भागकर वापस आना पड़ा. वे इसे पूरी तरह गलत मानते हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य में इस तरह की घटना दुख पहुंचाने वाली है. बिहार में फैक्ट्रीयां नहीं होने के कारण उन लोगों को दूसरे राज्यों में कमाने जाना पड़ता है. अब उनके सामने परिवार का घर चलाना मुश्किल हो गया है.

गुजरात में जो हालात है उससे यह साफ है कि लाखों की संख्या में यूपी और बिहार के लोगों को वहां से पलायन करना पड़ रहा है. ऐसे में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह गुजरात के ही रहने वाले हैं, वहां से उत्तर भारतीयों का पलायन सोचने पर मजबूर कर देने वाला है.

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