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इंदिरा गांधी की 34वीं पुण्यतिथि आज, मोदी-राहुल-सोनिया ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 34वीं पुण्यतिथि है. आज ही के दिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी. पुण्यतिथि के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने इंदिरा गांधी की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर कांग्रेस आज देशभर में कार्यक्रम करेगी.

Rahul Gandhi

@RahulGandhi

Remembering Dadi today with a deep sense of happiness. She taught me so much and gave me unending love. She gave so much of herself to her people. I am very proud of her.

Narendra Modi

@narendramodi

Tributes to our former Prime Minister, Mrs. Indira Gandhi on her death anniversary.

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ANI

@ANI

Congress President Rahul Gandhi, former PM Manmohan Singh and Sonia Gandhi pay floral tribute at Shakti Sthal, the memorial of former PM Indira Gandhi on her death anniversary.

बॉडी गार्ड्स ने की थी हत्या

आज के दिन साल 1984 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी. फौलादी इरादों और निडर फैसलों वाली देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस दिन सुबह सवेरे उनके सिख बॉडी गार्ड्स ने मौत के घाट उतार दिया था.

इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार 3 बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं और 31 अक्टूबर 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई.

इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था, जिनके बचपन का नाम प्रियदर्शिनी था. वह प्रभावी व्यक्तित्व वाली मृदुभाषी महिला थीं और अपने कड़े से कड़े फैसलों को पूरी निर्भयता से लागू करने का हुनर जानती थीं.

उन्होंने जून 1984 में अमृतसर में सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया था.

किया था आपातकाल का ऐलान

इसके अलावा 1975 में आपातकाल की घोषणा और उसके बाद के घटनाक्रम को भी उनके एक कठोर फैसले के तौर पर देखा जाता है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था. आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे. इसे आजाद भारत का सबसे विवादास्पद दौर भी माना जाता है. वहीं अगले सुबह यानी 26 जून को समूचे देश ने रेडियो पर इंदिरा गांधी की आवाज में आपातकाल की घोषणा के बारे में सुना था.

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