Saturday , April 27 2024

हमारे कॉलमिस्ट

कठुआ कांड की तरह ही मीडिया लिंचिंग की साजिश तो नहीं? 31 साल पहले भी 4 नौजवानों ने इसे भोगा था

आनंद कुमार (साभार) शहर एक नए किस्म के अपराधियों से परेशान था। ये लड़कों के छोटे-छोटे समूहों में होते थे और लोगों पर हमला कर उनके साथ मारपीट और लूटपाट किया करते थे। ‘वाइल्डिंग’ नाम के ऐसे समूह 1989 के दौर में अमेरिका के न्यूयॉर्क में खासे कुख्यात थे। न्यूयॉर्क के ...

Read More »

जब बलात्कार से ज्यादा जरूरी हिन्दू प्रतीकों पर कार्टून बना कर नीचा दिखाना हो जाता है: अपना इतिहास स्वयं लिखो

आनंद कुमार (साभार) बलात्कार का अभियुक्त था, भारत में होता तो शायद उसके साथ इससे भी बुरा होता। जब वो चीख-चीख कर कहने लगा कि उसने कोई बलात्कार किया ही नहीं तो उसकी सुनता कौन? हरेक अपराधी ऐसा ही कहता है। ऊपर से ये तो अपराधियों में भी सबसे घृणित ...

Read More »

सात सीटो पर जीतने वाले सिर्फ डेढ़ साल के लिए बन सकेंगे विधायक

सात में से छह पर भाजपा तो एक पर सपा काबिज राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । उत्तर प्रदेश में जिन सात सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हुआ है। उनमें सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के सामने जहां-जहां अपना ...

Read More »

माधव कान्त मिश्र : पत्रकार जिसने धर्म और अध्यात्म को बनाया लोक सरोकार (त्रयोदशाह पर श्रद्धाञ्जलि)

डॉ० मत्स्येन्द्र प्रभाकर स्वच्छ और निर्मल मन के लोग अपने व्यवहार में भी निर्विकार होते हैं। सामने आने/उभरने वाले किसी मुद्दे पर वे बेलाग मुखर हो जाते हैं। वज़ह यह कि उनके मन में कोई कूड़ादान नहीं होता। हालाँकि इसकी बिना पर लोग उनके व्यक्तित्त्व को लेकर बहुधा सशंकित हो ...

Read More »

दान कुपात्र को न मिले

के. विक्रम राव 21 सितम्बर, 2020 लोकसभा ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA), 2020, पारित कर दिया| यह कदाचार पर खरोंच मात्र है| इस कानून के तहत स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) पर वित्तीय अनुशासन कड़ा होगा| नरेंद्र मोदी ने इसे ‘पंच सितारा उद्यम’ बताया जिससे उनकी एनडीए सरकार को पलटने का ...

Read More »

उत्तर प्रदेश का बंटवारा हो सकता है मोदी का नया दांव

के. पी. मलिक मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राम मंदिर, धारा 370, ट्रिप्पल तलाक, सीएए आदि हिंदुत्व के मुद्दों पर बढ़त अवश्य बनाई थी परन्तु कोरोना महामारी, चीन के साथ तनातनी, तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में बेचैनी के फ्रंट पर सरकार फेल होती ...

Read More »

मुख्यमंत्री जी, जवाब दीजिये आपदा काल में कैसे यूपी में हो गया हजारों करोड़ का कोरोना किट घोटाला

राजेश श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तल्ख रवैये से पूरा प्रदेश ही नहीं देश भी भली-भांति वाकिफ है। ऐसे में यह उम्मीद की रही थी कि योगी आदित्यनाथ के शासन में भले ही काम न हो लेकिन भ्रष्टाचार की गुंजाईश नहीं रहेगी। शपथ लेने के बाद ही ...

Read More »

नरेन्द्र मोदी : बैलगाड़ी से अंतरिक्ष तक की सफलता के लक्ष्य

आलोक मेहता सत्ता, संपन्नता, शिखर-सफलता अधिक महत्वपूर्ण है- संघर्ष की क्षमता और जीवन मूल्यों की दृढ़ता। इसलिए नरेन्द्र भाई मोदी के प्रधानमंत्री पद और राजनीतिक सफलताओं के विश्लेषण से अधिक महत्ता उनकी संघर्ष यात्रा और हर पड़ाव पर विजय की चर्चा करना मुझे श्रेयस्कर लगता है। राजधानी में संभवतः ऐसे ...

Read More »

अब सरकार बेचेगी एलआईसी और आईआरसीटीसी की हिस्सेदारी

राजेश श्रीवास्तव कभी प्रधानमंत्री ने जब यह चुनावी जुमला दिया था कि मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं बिकने दूंगा। तब देश की जनता ने उन पर आंख बंद करके भरोसा कर लिया था कि शायद अब देश की तस्वीर बदले और देश में नये उपक्रम लगेंगे। लोगों ...

Read More »

आखिर कौन लिख रहा बच्चों के कोरे मन पर ‘गंदी’ बातें?

दिनेश पाठक आचार्य विनोवा भावे जी की मशहूर पंक्ति है-बच्चे मन के सच्चे, बाकी सब कच्चे. अन्य विद्वतजन भी इस लाइन को अपने-अपने शब्दों में कहते-सुनते दिख जाते हैं- बच्चे कोरे कागज की तरह होते हैं. जो चाहो लिख दो, वह अमिट होता है. कोई कहता है कि बच्चे गीली ...

Read More »

वकील भूषण ऐसे, वैसे, कैसे हो गए ?

के. विक्रम राव एक शर्त आज मैं जीत गया फलस्वरूप अपनी पत्नी से एक रुपया वसूला, क्योंकि अद्वितीय वकील प्रशांत भूषण ने ऐलान कर दिया कि वे अदालत की अवमानना के अपराध पर जुर्माने का भुगतान कर देंगे| हालाँकि शर्त लगाने को मैं पाप ही मानता हूँ| यह द्यूत का ...

Read More »

अब खुलेंगी बॉलीवुड और पॉलिटिकल नेक्सस से चल रहे ड्रग्स के धंधे की परतें!

आलोक मेहता राक्षस कभी किसी भी रूप में तबाही के लिए आ सकता है. इसी तरह जहर के अनेक रूप होते हैं. वह दवा के रूप में मिल सकता है, नशे के रूप में मिल सकता है, तस्करी और हथियारों के रास्ते से हजारों जान ले सकता है. सुशांत सिंह ...

Read More »

पत्रकार वही जिसके पैंट में नहीं, पेट में थैली हो

मनोज दुबे अभी चंद रोज पहले की बात है। पत्रकारों की वार्ता ‘समारोह’ में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने पत्रकार बंधुओं को एक मजेदार सीख दी। कलमकारों पर प्रदेश में लगातार हो रहे हमले के सवाल के जवाब में कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाने ...

Read More »

‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ नहीं, व्यवस्था की असफलता का ‘फ्रॉड’

डॉ० मत्स्येन्द्र प्रभाकर विश्वव्यापी कोरोना वायरस आज भी उतनी बड़ी चुनौती नहीं है जितना कि इसको लेकर बनी दहशत। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की ख़स्ता हालत इसकी प्रमुख वज़ह रही। दूसरा मुख्य कारण बना कोरोना वायरस की लोगों को अपनी चपेट में तेज़ी से लेने की क्षमता। इसने ‘कोविड-19’ को ...

Read More »

तीर्थमाता: पितरों को तारती गंगा

शास्त्री कोसलेन्द्रदास भारत की अमर संस्कृति के केंद्र में है गंगा अर्थात भारत की सर्वाधिक सतोगुणी नदी। अमरकोष में गंगा के नाम विष्णुपदी, जह्नुतनया, सुरनिम्नगा, भागीरथी, त्रिपथगा, त्रिस्रोता और भीष्मसू हैं। गंगा ऐसी नदी है, जो पहले स्वर्ग और बाद में अपने पिता हिमालय की गोद छोड़कर अपनी संतान के ...

Read More »