Tuesday , April 30 2024

कही-अनकही सचकही

क्या भाजपा और संघ योगी आदित्यनाथ को नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहे हैं?

हिमांशु शेखर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में कुछ बातों के लिए उनकी तारीफ होती है तो कुछ बातों के लिए उन्हें अपने ही राज्य में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. जिस वक्त वे मुख्यमंत्री बने थे, उस वक्त यह कहा जा ...

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अयोध्या विवाद हिंदू बनाम मुस्लिम के साथ-साथ हिंदू बनाम हिंदू भी है

 कृष्ण प्रताप सिंह अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को आप अब तक हिंदुओं और मुसलमानों के बीच का विवाद ही मानते रहे हैं तो अब अपनी इस धारणा को सुधार लीजिए. सच्चाई यह है कि यह हिंदू बनाम हिंदू भी है और मुसलमान इससे अलग हो जाएं तो भी ...

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क्या अब भाजपा कांग्रेस की चुनावी चौसर पर चल रही है?

नीलेश द्विवेदी पिछले साल अप्रैल से जून के बीच मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन पूरे देश में सुर्ख़ियां बने थे. आंदोलनाें में दो मांगें प्रमुख थीं. पहली – किसानों को उनकी फ़सलों के सही दाम मिल जाएं. दूसरी- उनके कर्ज़ माफ़ कर दिए जाएं. तब महाराष्ट्र के ...

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किसान कर्ज माफी: जितना कर्ज लेते हैं किसान, उससे डेढ़ गुनी रकम डुबा देते हैं धन्नासेठ

पीयूष बबेले नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में किसानों की कर्ज माफी के ऐलान के साथ ही देश में इस बात पर बहस तेज हो गई है कि किसानों का कर्ज माफ किया जाना अच्छा आर्थिक फैसला है या नहीं. भारतीय रिजर्व बैंक का स्पष्ट मत है कि किसानों ...

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पांच सबक जो भाजपा के लिए हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों में छिपे हैं?

हिमांशु शेखर पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी अलग रहे. 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से विधानसभा चुनावों में भाजपा को लगातार कामयाबी मिली थी. दिल्ली, बिहार और पंजाब को अपवाद मान लें तो 2014 के बाद हुए अधिकांश ...

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पांच सबक जो कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव नतीजों से ले सकती है

हिमांशु शेखर 2014 में केंद्र की सत्ता से बेदखल होने के बाद पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए सबसे सुखद नतीजे लेकर आए हैं. इन नतीजों की वजह से वह 2019 के लोकसभा चुनावों के तकरीबन छह महीने पहले एक ऐसी पार्टी के तौर पर दिखने लगी ...

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1984 को लेकर राहुल गांधी को सच स्वीकार करने का साहस दिखाना चाहिए

सिद्धार्थ वरदराजन 1984 में सिखों के नरसंहार में कांग्रेस पार्टी की संलिप्तता को नकाराने की राहुल गांधी की कोशिश से भी ज्यादा आघातकारी सिर्फ एक चीज है- 34 वर्षों से आजाद भारत के सबसे जघन्य अपराधों में एक पर पर्दा डालने की कोशिशों के सह-अपराधी होने के बाद हम में ...

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रूह कंपाने वाला 1984 का सिख नरसंघार : ‘ इन कांग्रेसियों ने मेरे पिता को जलाने के लिए इंस्पेक्टर से मांगी थी माचिस’

नई दिल्ली। साल 1984 में दिल्ली में हुए सिख दंगा मामले में पीड़ितों को 34 साल बाद इंसाफ मिला तो आंखों में जीत की खुशी के साथ-साथ जहन में वो मंजर फिर से ताजा हो गया जब दंगाईयों की भीड़ ने उनके अपनों को उनके सामने ही मार डाला था. दंगों का ...

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हे राम! जनेऊ पहनकर मंदिर-मंदिर जाकर झूठ बोलते हैं राहुल गांधी!

अभिरंजन कुमार मोबाइल से नकल करके शोक संदेश लिखने वाले मेरे प्रिय नेता श्री राहुल गांधी जी की एक और नकल साबित हो गई है। जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने बिना किसी सबूत के ही शीला दीक्षित को बेईमान कह-कहकर दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी हथिया ली थी, उसी ...

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सिविल सेवकों का जनसेवक बनने का बढ़ता रुझान

चुनाव के मौसम में राजनेताओं द्वारा दल-बदल करने की सूचनाएं तो हमेशा से मिलती रहीं हैं, लेकिन इस बार के चुनाव की एक विशेषता यह रही कि बहुत से वरिष्ठ अधिकारी और वे भी विशेषकर ऑल इंडिया सर्विसेस के ऑफिसर्स राजनीति में आए. महत्वपूर्ण बात उनका राजनीति में आना नहीं ...

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डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान निर्माता कहना आंख में धूल झोंकने के समान है संविधान के  निर्माता तो बाबू राजेंद्र प्रसाद ही हैं 

जब राजेंद्र बाबू ने पत्नी से कहा कि अगर उस अंगरेज औरत से हाथ नहीं मिलाया तो नौकरी चली जाएगी  दयानंद पाण्डेय देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू का आज जन्म-दिन है तो उन के बहुतेरे किस्से याद आ रहे हैं । हम जब पढ़ते थे तब अक्सर मेरे पिता ...

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भोपाल गैस त्रासदी: आंसू सूख गए, पर न्याय नहीं मिला

राकेश कुमार मालवीय उस काली रात के 34 साल बाद भोपाल गैस त्रासदी एक अराजनैतिक विषय बन गया है. बिना किसी को दोषी ठहराए तमाम राजनीतिज्ञों ने जिन्हें इस मुल्क ने अपने न्याय, हक और समानता के संवैधानिक अधिकारों को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है, मान लिया है कि ...

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मालवा क्यों साबित हो सकता है मध्य प्रदेश का ‘सूरत’?

पीयूष बबेले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुए चार दिन बीत चुके हैं. मुकाबले में शामिल दोनों मुख्य पार्टियां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दम साधे बैठी हुई हैं. 230 विधानसभा सीटों में 116 का आंकड़ा हासिल करना उनका पहला लक्ष्य है. इसके ऊपर जो सीटें मिल जाएं वह ...

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भोपाल त्रासदी में प्रकृति का दोष बस इतना ही था कि हवा ने फैक्ट्री से शहर का रुख कर लिया था

नई दिल्ली। यूनियन कार्बाइड का कारखाना भोपाल शहर के एक छोर पर राक्षस की तरह खड़ा दूर तक फैली बस्ती की ओर देख रहा है. रविवार की उस ठंडी रात कुछ कोहरा था. सरकारी लट्टुओं से जो आभा फैल रही थी, वह अंधेरे को दूर नहीं कर पा रही थी. ...

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कानून की दो वर्दियों का गैरकानूनी ‘शो’…

पिछले दिनों सीतापुर जिले में शराब और जुए का अड्डा हटाने की कार्रवाई से बिफरे वकीलों ने जिला न्यायाधीश के कक्ष में घुस कर पुलिस अधिकारियों को पीटा और पुलिस अधीक्षक के साथ बदसलूकी की. ऐसे अराजक वकीलों के समर्थन में राजधानी लखनऊ के वकील भी सड़क पर उतर आए. ...

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