Tuesday , April 30 2024

स्पेशल

‘लॉकडाउन’ में सूरज! अब धरती पर भीषण ठंड, भूकंप और सूखे की संभावना से डरे वैज्ञानिक

कोरोना महामारी में कोई अचछी खबर मिले इसका सबको इंतजार है, लेकिन वो एक अदद गुड न्‍यूज आने को तैयार नहीं । उस पर चक्रवात, तूफान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की खबरें परेशान कर रही हैं । अब लंदन के वैज्ञानिकों की ओर से दी जा रही जानकारी को समझें ...

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ज़हर-ए-मुनव्वर राणा: महफिल नहीं मिल रही तो ट्विटर से फैला रहा है नफरत, हिन्दुओं को ले कर घृणा

आशीष नौटियाल उर्दू के मशहूर और विवादित शायर मुनव्वर राना ने एक विवादित ट्वीट में लिखा कि भारत में 35 करोड़ इंसान और 100 करोड़ जानवर रहते हैं। इसके साथ ही मुनव्वर राना ने लिखा है कि ये 100 करोड़ चुनावों में वोट देने के ही काम आता है। यह पहली बार ...

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कोरोना वायरस : सदियों से कहर बरपा रहे वायरसों के आगे इंसान हर बार उतना ही लाचार क्यों दिखाई देता है?

अंजलि मिश्रा ‘होमो सेपियंस (मनुष्य) इकलौता ऐसा जीव है जिसने बाकी सभी जानवरों को अपने काबू में कर लिया है. सारी धरती उसके नियंत्रण में है. यहां तक कि वह चांद पर भी कदम रख चुका है. लेकिन अब एक सूक्ष्म जीव के सामने वह लाचार खड़ा है. हमें याद ...

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कोरोना वायरस : जो लोग कुछ समय बाद सबकुछ पहले जैसा होने की उम्मीद पाल रहे हैं, वे नादान हैं

कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) अब लगभग पूरी दुनिया को चपेट में ले चुका है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से मानवता को इतने बड़े संकट का सामना कभी नहीं करना पड़ा था. उस समय भी आज की तरह अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संस्थानों में विश्वास रसातल को चला गया था. दूसरे विश्व युद्ध ...

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वक्री हुए शनि, अगले 142 दिन रहना होगा संभलकर, एक उपाय राहत पहुंचाएगा

ज्‍योतिष विज्ञान के अनुसार शनि 11 मई 2020 को मार्गी से वक्री हो गए है । सोमवार सुबह 09 बजकर 27 मिनट पर शनि अपने पिता सूर्य के नक्षत्र उत्तराशाढा के चौथे चरण और अपनी ही राशि मकर में वक्री हो गए हैं । शनि की इस उल्‍टी चाल के ...

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दिल्ली में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें, आँकड़े छिपा रहे केजरीवाल

कपिल मिश्रा दिल्ली में कोरोना से सैकड़ों मौतें हो रही है। दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में रोज कोरोना से हो रही मौतों के रजिस्टर का डाटा बताता है कि स्थिति बहुत भयानक है। लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार कोरोना से हुई मौतों का जो डाटा सर्वजनिक कर रही है, वह ...

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सरकारी अनुकंपा है साहब! मजदूर और पत्रकार वोट बैंक थोड़ी हैं

राजेश श्रीवास्तव शुक्रवार की सुबह आम दिनों की तरह नहीं थी जब लोगों की आंख खुली तो मध्य प्रदेश के औरंगाबाद की एक ट्रेन की पटरी पर बिखरे मांस के लोथड़े, सीत्कारें, चीख्ों, रोटियां, फटे कपड़े, कुछ चप्पल और छोटा-मोटा सामान सब कुछ मानो कह रहा था कि जिन 16 ...

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अंबेडकर को संविधान निर्माता कहना , संविधान के साथ छल और कपट है

दयानंद पांडेय यह छुपी बात तो है नहीं कि मैं निजी तौर पर अंबेडकर के निंदकों में से हूं। सर्वदा से रहा हूं। ख़ास कर उन की जातीय नफरत के मद्दे नज़र। जैसा कि अंबेडकर कहते रहे हैं कि समाज में समता मार्क्स की हिंसा के बिना भी लाई जा ...

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माँ पूर्णागिरि का महातम्य

चीन, नेपाल और तिब्बत की सीमाओं से घिरे सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण चंपावत जिले के प्रवेशद्वार टनकपुरसे 19किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ मां भगवती की 108सिद्धपीठोंमें से एक है। तीन ओर से वनाच्छादित पर्वत शिखरों एवं प्रकृति की मनोहारी छटा के बीच कल-कल करती सात धाराओं वाली शारदा नदी ...

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जिन्ना का डिवाइड इंडिया, डिस्ट्राय इंडिया का खेल अभी भी जारी है , बस डायरेक्ट ऐक्शन की घोषणा ही शेष है

दयानंद पांडेय भारत में ऐसे हिंदुओं की , हिंदुत्ववादियों की कमी नहीं है जो अभी भी पाकिस्तान बनाने के लिए गांधी को सब से बड़ा दोषी मानते हैं। मानते रहेंगे। बहुत से हिंदू और हिंदुत्ववादी गांधी को मुस्लिम परस्त भी मानते हैं। इसी कारण नाथूराम गोडसे ने गांधी की हत्या ...

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शर्मनाक : हिन्दूफोबिया से ग्रसित उड़िया के वामपंथी कवियों ने माँ सीता को ‘वेश्या’ और रावण से रेप के लिए ‘इच्छुक’ बताया

पत्रकार सास्वत पाणग्रही ने वामपंथी उड़िया कवियों के बीच चल रहे उस ट्रेंड की तरफ ध्यान दिलाया, जो कि काफी तकलीफदेह और विचलित करने वाली है। इन कवियों में से कई कवि तो राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार विजेता हैं। ये तथाकथित ‘बुद्धिजीवी’ कई कविताओं और बयानों में खुलेआम ...

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डोल रहा है ट्रम्प का सिंहासन पर भारत क्यों हो रहा बेचैन

राजेश श्रीवास्तव इस समय जब देश और दुनिया कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रही है तब आप कोई भी मीडिया चैनल उठा कर देख लें तो एकाध को छोड़कर सभी चीन को कोसते दिख्ोंगे। कमोवेश यह स्थिति भारत और अमेरिका दोनों की ही है दोनो ही देशों ने ...

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‘अश्वमेध यज्ञ साम्राज्यवाद की निशानी’ बोलने के बाद जावेद अख्तर ने तारिक फतेह को गिनाई खिलजी की अच्छाइयाँ

गीतकार जावेद अख्तर और लेखक तारिक फतेह के बीच एक टीवी डिबेट में तीखी बहस हुई। इस दौरान जावेद अख्तर कह बैठे कि उन्हें इस्लाम के बारे में कुछ नहीं पता, सिर्फ़ मोटी-मोटी बातें पता है। लेकिन, साथ ही कुछ देर बाद फिर वही जावेद अख्तर कुछ ‘अच्छे मुसलमानों’ का ...

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इमरजेंसी में स्नेहलता, आज अर्नब: विरोधियों के दमन का कॉन्ग्रेसी तरीका

महाराष्ट्र में हुई साधुओं की हत्या के बाद रिपब्लिक भारत के संस्थापक अर्नब गोस्वामी से हो रही पूछताछ ने एक बार फिर कॉन्ग्रेस काल की झलक दिखाई है। महज एक कांड से ही कॉन्ग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि वह आज भी विरोधी स्वर को कुचलने के अपने तरीकों में कितनी स्पष्ट है। यह ...

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क से कम्युनिस्ट और क से कैटलिस्ट

तृप्ति शुक्ला पिछली एक पोस्ट में मैंने कहा था कि एक कम्युनिस्ट आदमी क्रिया पर नहीं, बल्कि प्रतिक्रिया पर प्रतिक्रिया देता है। मगर कभी सोचा है कि वो ऐसा करता क्यों है? क्योंकि वो बहुत मजबूर होता है। एक कम्युनिस्ट आदमी किसी क्रिया पर प्रतिक्रिया इसलिए नहीं देता क्योंकि वो ...

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